कर्मचारी कम, फूल रहा खाकी का दम, महज आठ फीसद है महिलाकर्मियों की संख्या

नई दिल्ली। आतंकी हमलों व अपराधियों से लोहा लेने वाली दिल्ली पुलिस खुद कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है। जब भी आतंकी घटनाएं या सामूहिक दुष्कर्म की वारदात होती है, दिल्ली पुलिस में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है, लेकिन कुद दिनों के बाद यह विषय सिर्फ चर्चा तक ही सीमित रहकर कहीं खो जाता है।

महज आठ फीसद महिलाकर्मी

दिल्ली पुलिस के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्षों पूर्व गृह मंत्रालय से स्वीकृत 2,159 पद अभी तक खाली पड़े हैं। दिल्ली पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती महिला सुरक्षा है। महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 33 फीसद करने के लिए पिछले पांच सालों में दावे तो किए गए, लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका। मौजूदा समय में दिल्ली पुलिस की कुल संख्या में महज आठ फीसद ही महिलाकर्मी हैं।

पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मौजूदा संख्या बल व संशाधन के जरिये भले ही राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर रखने की कोशिश की जाती है, लेकिन कर्मचारियों की कमी से पुलिस विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पुलिसकर्मियों की संख्या संबंधी रिपोर्ट

बीते 18 अगस्त को राजनिवास में आयोजित बैठक में पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पुलिसकर्मियों की संख्या संबंधी रिपोर्ट सौंपी। दिल्ली पुलिस के सभी रैंकों में कुल 88823 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में दिल्ली पुलिस में 76664 कर्मचारियों की ही तैनाती है। 76664 कर्मचारियों में करीब 12000 वीवीआइपी सुरक्षा, 10000 यातायात, 32000 दिल्ली के 200 थानों में व बाकी पुलिसकर्मी एवं अधिकारी पीसीआर, स्पेशल ब्रांच, स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, स्पेशल स्टाफ, विजिलेंस, बटालियन, रेल और मेट्रो थाने तथा अन्य यूनिटों में तैनात हैं। थाने यानी एक्टिव पुलिसिंग में जिन 32000 पुलिसकर्मियों की तैनाती है उनमें 15 फीसद क्लर्क यानी ऑफिस ड्यूटी में रहते हैं।

520 व्यक्ति पर एक पुलिसकर्मी

पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिल्ली की जनसंख्या करीब 1.30 करोड़ हो चुकी है। अगर एक्टिव पुलिसिंग में 25000 पुलिसकर्मी मानें तो उस हिसाब से 520 व्यक्ति पर एक पुलिसकर्मी है। वह भी 24 घंटे के हिसाब से। राउंड द क्लॉक ड्यूटी के हिसाब से देखें तो करीब 1600 व्यक्ति पर एक पुलिसकर्मी पड़ता है, जबकि विदेश में राउंड द क्लॉक के हिसाब से प्रति 60 व्यक्ति पर एक पुलिसकर्मी है।

सब इंस्पेक्टर के सबसे अधिक 2179 पद खाली

पुलिस विभाग में सबसे महत्वपूर्ण इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर के पद होते हैं जिनपर मुकदमों की जांच की जिम्मेदारी रहती है, लेकिन दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के सबसे अधिक 2179 पद खाली पड़े हैं। वर्ष 2012 में हुई वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद गृह मंत्रालय से लेकर तत्कालीन पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी तक दावे करते रहे कि जल्द दिल्ली पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 33 फीसद की जाएगी। थानों में महिलाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी, लेकिन मामला दावे तक ही सीमित होकर रह गया।

दो शिफ्ट में ड्यूटी करनी पड़ती है

कर्मचारियों की कमी के कारण पुलिसकर्मियों को दो शिफ्ट में ड्यूटी करनी पड़ती है। इसका दुष्परिणाम भी देखा जा रहा है। पुलिसकर्मी बेमन से काम करते हैं। उनके स्वास्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन व तनाव जैसी समस्या देखने को मिल रही है। पिछले साल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के निर्देश पर तत्कालीलन पुलिस आयुक्त आलोक वर्मा ने गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर मांग की थी कि बेहतर कानून व्यवस्था के लिए 54,195 कर्मियों की भर्ती की जाए। दिल्ली पुलिस की हाई लेवल कमेटी ने सूची तैयार कर भेजी थी, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

रैंक ——रिक्त पड़े पद 
संयुक्त आयुक्त—-3
एडिशनल पुलिस कमिश्नर—12
दानिप्स डीसीपी—-23
एसीपी——–110
इंस्पेक्टर——21
एसआइ—–2179
एएसआइ——–388
हवलदार——1745
सिपाही——-6901
एमटीएस/सिविलियन–785

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