- आरके जायसवाल (मुख्य संपादक)
नई दिल्ली। फिल्म निर्देशक संजय लिला भंसाली द्वारा निर्मित फिल्म पद्मावती को लेकर पूरे देश में जारी विरोध—प्रदर्शनों के बीच पिछले दिनों शकूरपुर में भी प्रदर्शन किया गया। क्षेत्रीय राजपूत महासंघ, शकूरपुर द्वारा आयोजित प्रदर्शन में अनेक राजपूत युवाओं एवं महिला पुरुषों ने एकजूट होकर फिल्म के प्रदर्शन का विरोध किया। त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न ईलाकों से गुजरते हुए प्रदर्शनकारियों ने फिल्म को किसी भी हाल में प्रदर्र्शित नहीं होने देने की कसम खाई। प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में जुटे लोगों ने फिल्म में दिखाये गये कुछ दृश्यों पर आपत्ति जताते हुए इसे राजपूत समाज ही नहीं हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों का भी अपमान बताया। प्रदर्शन के दौरान लोग हिन्दू धर्म को अपमानित नहीं होने देने की हरसंभव कसम खा रहे थे।
क्षेत्रीय राजपूत महासंघ, शकूरपुर के अध्यक्ष एवं भाजपा जिला केशवपुरम पूर्वांचल मोर्चा के नवनियुक्त उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने जनमत की पुकार से कहा कि संजय लीला भंसाली द्वारा फिल्म के अंदर महारानी पद्मावती के चरित्र को गलत फिल्माया गया है। फिल्म में पद्मावती का प्रेम प्रसंग अलाउद्दीन खिलजी के साथ दिखाया गया है जबकि किसी भी ऐतिहासिक पुस्तक या किसी प्रसंग में इसका प्रमाण नहीं है। जिस तरीके से फिल्मकारों द्वारा इतिहास को तोड़—मरोड़ कर पेश किया जा रहा है हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं और किसी भी किमत पर इस फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
क्षेत्रीय राजपूत महासंघ, शकूरपुर द्वारा आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के महामंत्री संजीव शर्मा ने कहा कि फिल्म में इतिहास के स्वरूप को बदलकर दिखाया गया है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने फिल्म में दिखाये गये आपत्ति जनक दृश्यों को हिन्दू धर्म का अपमान बताया।
वहीं जिलाध्यक्ष रौशन कंसल ने फिल्म पद्मावती का इतिहास के साथ छेड़छाड़ का विरोध करते हुए कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया गया है। पूर्वांचल प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजीव ठाकुर ने कहा कि रानी पद्मिनी पर आधारित फिल्म ट्टपद्मावती’ में इतिहास को तोड़—मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है, जो स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस विरोध प्रदर्शन में हुकुम सिंह बालमिकी, संदीप मेंडवाल, अनुप पंवार, जयपाल भड़ाना एवं अजीत चौधरी ने भी लोगों को सम्बोधित किया।
राजपूत समाज सहित सभी हिंदुत्व नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का जनमत की पुकार से स्पष्ट कहना था कि वे किसी भी हाल में फिल्म का प्रदर्शन राजधानी दिल्ली मेें नहीं होने देंगे।