आयकर विभाग ने खनन क्षेत्र में उत्खनन तथा उत्पादन से जुड़ी कंपनियों की संख्या की विस्तृत जांच आरंभ कर इस क्षेत्र द्वारा सृजित कालेधन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) के इस मामले में गंभीर रूख के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) ने हाल ही में सभी कर कार्यालय को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं और उन्हें कंपनियों के वित्तीय ब्योरों तथा वास्तविक परिचालन में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं की जांच कर उस पर अंकुश लगाने को कहा गया है। मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि हाल में आयकर विभाग की जांच में पाया गया कि लौह अयस्क, मैंगनीज और अन्य खनिजों के खनन में लगी कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा भरे गये कर रिटर्न में कई विसंगतियां पाई गई हैं। इन कंपनियों द्वारा भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के पास जमा किए गए ब्योरे का मिलान करने से अनियमितता का पता चला। वित्तीय ब्योरा दोनों जगह देने की प्रक्रिया अनिवार्य है जिसका कंपनियों को पालन करना होता है। सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमबी शाह आयोग की जांच रिपोर्ट में भी इनमें से कई कंपनियों के नाम हैं। सरकार ने देश में अवैध खनन का पता लगाने के लिये कुछ साल पहले आयोग का गठन किया था। सीबीडीटी द्वारा 14 अक्तूबर को जारी आर्डर में कहा गया है, आईबीएम के पास जमा किये गये रिटर्न और आयकर विभाग को दिए गए ब्योरे में उत्पादन एवं बचा हुए भंडार के आंकड़ों में अंतर का पता चला है।
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