बाढ़ से जूझ रहे चेन्नई में पटरी पर लौटने लगी जिंदगी

2015_12$largeimg204_Dec_2015_200441717चेन्नई। संचार और ट्रेन सेवा के आंशिक रूप से शुरू होने और कई सड़कों पर वाहनों का परिचालन आरंभ होने के बाद बाढ़ से प्रभावित शहर में जन-जीवन पटरी पर लौटने लगी है जबकि कई इलाकों में अब भी जल जमाव बरकरार है। राज्य सरकार के मुताबिक, एक अक्तूबर से मूसलाधार बारिश में कम से कम 245 लोगों की मौत हो गयी है। मंगलवार को हालत उस समय बिगड़ गयी जब शहर के कई इलाकों में बाढ़ आ गयी। बाढ़ से महत्वपूर्ण सड़क और रेल खंडों को क्षति पहुंची और हवाई अड्डा को बंद करना पड़ा। बिजली और टेलीफोन सेवा ठप्प हो गयी और लाखों लोग फंस गये। कोट्टुरपुरम, उपनगरीय मुदीचुर और पल्लीक्करनई जैसे कई इलाकों में जल-जमाव की स्थिति अब भी बनी हुई है और मकानों के छतों पर शरण लेने वाले असहाय निवासियों को दूध और पानी की आपूर्ति कम पड़ने के कारण इसके लिए अनुरोध करते हुये देखा जा रहा है। इस बीच, शहर के कुछ एटीएम और पेट्रोल पंप काम कर रहे हैं। वहां लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि ईंधन की स्थिति अगले कुछ दिनों में सामान्य हो जाएगी। रविवार हाने के बावजूद राज्य में बैंक कल खुले रहेंगे। चेन्नई के दक्षिणी हिस्सों और मुख्य शहर को जोड़ने के प्रयास के तहत दक्षिणी रेलवे ने ईगमोरे-तामबरम खंड पर सेवा शुरू करने की घोषणा की है जिससे निवासियों को राहत मिल सकेगी। बहरहाल, दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई समुद्र तट और तामबरम के बीच सेवा आमतौर पर संचालित की जा रही हैं और अब केवल इगमोरे एवं तामबरम के बीच में ट्रेनें और वे भी केवल मुख्य लाइन पर चलायी जानी हैं। तामबरम सहित कई इलाकों में लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं भी बहाल किया जा रही हैं जबकि मोबाइल सेवाएं भी शुरू हो रही हैं। रात में शहर के कुछ इलाकों में बारिश हुयी। सुबह में आसमान में बादल छाये रहे। दूध की आपूर्ति अब भी पेरशानी का सबब बनी हुयी है। बहरहाल, राज्य संचालित आविन ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। सब्जियों के दाम अभी भी आसमान छू रहे हैं। शहर के कई इलाकों में अब भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है और चेम्बरपक्कम झील के तट में दरार आने की अफवाहों के कारण इसके तट पर रह रहे लोग रात भर परेशान रहे। बाद में पुलिस ने सूचना दी कि ये केवल अफवाहें थीं और इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सशस्त्र बल बचाव कार्य में जुट गये हैं लेकिन कई इलाकों में रहने वाले लोगों ने दावा किया कि स्थानीय प्रशासन उनकी समस्याओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं। बाढ़ के कारण बंद पड़े चेन्नई हवाई अड्डे को तकनीकी साजो सामान लाने और राहत उड़ानों के लिए खोला जा सकता है।

Share Button

Related posts

Leave a Comment