नई दिल्ली। केंद्र और दिल्ली सरकार की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए 16 दिसंबर के सामूहिक दुष्कर्म कांड की पीडि़ता के माता-पिता ने आज कहा कि घटना के किशोर दोषी की रिहाई रोकने के लिए पहले कार्रवाई क्यों नहीं की गई। किशोर की रिहाई का विरोध करते हुए पीडि़ता की मां ने कहा, हमारी लड़ाई केवल इस बारे में है कि उसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए। अगर वह बाहर आएगा तो सुनवाई का या अन्य किसी चीज का क्या मलतब है। उन्होंने कहा, सब जानते थे कि उसे रिहा किया जाएगा तो इन तीन सालों में कदम क्यों नहीं उठाए गए। मैं न्याय चाहती हूं और उसकी रिहाई पर रोक चाहती हूं। इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने कल देर रात किशोर दोषी की रिहाई पर रोक लगाने के लिए नाटकीय घटनाक्रम में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खट खटाया था। देर रात दो बजे अपने फैसले में अवकाशकालीन पीठ ने तत्काल सुनवाई करके आज होने वाली उसकी रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई सोमवार को करने की घोषणा की। किशोर अपराधी की रिहाई के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार के असहाय दि खने पर पीडि़ता के पिता नेभी ना खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, हम क्या कर सकते हैं? अदालत जो कर रही है, सही है। हमारी सरकार, चाहे केंद्र की हो या राज्य की, केवल तभी सुनती हैं जब आप विरोध करते हो और वे लाठीचार्ज कराती हैं, इसके अलावा उन्हें कोई चिंता नहीं है। हालांकि अगर इस मामले में उचित सुनवाई या फैसला किया गया होता तो हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता।्य्य किशोर की रिहाई केख् िखलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाभिल करने वालेभाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उन प्रावधानों की ओर संकेत किया जिन्हें किशोर दोषी को औपचारिक तौर पर छोड़े जाने से पहले लागू किया जाना था।
16 दिसंबर की पीडि़ता के माता-पिता ने पूछा, किशोर की रिहाई रोकने के लिए इतनी देरी से कार्रवाई क्यों
