नई दिल्ली। हेरीटेज ईमारत में शुमार गुरुद्वारा शीशगंज साहिब के बाहर वर्षो पुराने बने प्याऊ को अतिक्रमण के नाम पर गिराने की स्थानीय निकायों की कोशिश को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने धार्मिक स्थल पर हमला करार दिया है। बिना कोई नोटिस जारी किये उत्तरी दिल्ली नगर निगम तथा लोक निर्माण विभाग दिल्ली सरकार द्वारा सैंकड़ों की तादात में पुलिस कर्मचारियों के द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर प्रातः 6 बजे शुरू की गई कार्यवाई की भी कमेटी ने निन्दा की है।
कमेटी के प्रवक्ता परमिन्दर पाल सिंह ने अदालती आदेश के नाम पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर श्री गुरु तेग बहादर साहिब के पवित्र शहीदी स्थान पर हमला करने की कथित सुनियोजित साजिश के द्वारा कमेटी के प्रबंध की सेवा निभा रहे शिरोमणी अकाली दल को बदनाम करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सबूत जारी करते हुए उन्हांेने केजरीवाल को इन सबूतों को गलत साबित करने की भी चुनौती दी है।
आज हुई घटना की पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के महत्वकांक्षी प्रोजैक्ट शाहजहानाबाद रीडिवेल्पमेंट काॅरपोरेशन के लिये चांदनी चैंक बाजार की पटरी को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए लोक निमार्ण विभाग के प्रोजैक्ट और प्रशासन के डी.जी.एम. नितिन पाणीग्राही को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा नोडल अफसर बनाया था जो कि सीधा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तथा लोक निमार्ण विभाग के मंत्री सत्येन्द्र जैन को जवाबदेह है। पाणीग्राही के आदेश पर ही निगम द्वारा तोड़क दस्ता अदालती आदेश की पालना के सम्बन्ध में उपलब्ध करवाया गया था।
उन्होंने प्रोजैक्ट की निदेशिका तथा चांदनी चैंक की विधायिका अल्का लांबा की लोक निमार्ण विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ इस प्याऊ को तोड़ने की हुई मीटिंग के मिन्टस भी जारी किये। उन्होंने सवाल किया कि अगर अल्का लांबा को इस प्याऊ से इतनी दिक्कत थी तो क्या वह इस संबंध में कमेटी पदाधिकारियों से सम्पर्क नहीं कर सकती थी ? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्री तथा विधायिका सीधे तौर पर गुरू घर पर हमला करने के कथित साजिशकर्ता है इसलिए उन्हें सामने आकर इस मसले पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिये।
प्याऊ के ढाहे गये हिस्से को 2 घण्टे बाद ही कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. तथा महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा द्वारा संगतों के सहयोग से फिर से बनाकर जल सेवा शुरू करने का दावा करते हुए उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के उक्त आदेश को ऊपरी अदालत में कमेटी द्वारा चुनौती देने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्याऊ के संबंध में 1991 की नगर निगम की कमेटी के पास मन्जूरी है तथा आसपास के सभी दुकानदार, यात्री, पर्यटक, एवं ग्राहक हजारों की संख्या में इस प्याऊ से ठण्डा पानी पीकर रोजाना अपनी प्यास बुझाते हैं। प्याऊ के साथ ही भाई मतिदास चैंक के फव्वारे को ढहाने की मंशा लेकर आये अधिकारीयों को सिख इतिहास पढ़ने की भी उन्होंने नसीहत दी।
उन्होंने दिल्ली सरकार को सिखों के धार्मिक मसले से दूर रहने तथा गुरुद्वारा साहिब की एक इन्च जमीन पर भी नजर ना रखने की आम आदमी पार्टी को चेतावनी दी है। उन्हांेने कहा कि सोशल मीडिया पर प्याऊ को तोड़ने का नोटिस कमेटी को तीन दिन पहले मिलने का झूठा संदेश वायरल करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ कमेटी द्वारा दिल्ली पुलिस की साईबर सेल में शिकायत की जायेगी। विरोधी दलों द्वारा गुरुद्वारा साहिब में पहुंच कर इस मसले पर की गई राजनीति को भी उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने सवाल किया कि वह गुरू घर की जमीन बचाने की नीयत से वहां आये थे या अपनी बंजर सियासी भूमि को लोगों की भावनाएं भड़का कर उपजाऊ बनाने ?