जनमत की पुकार/आरके जायसवाल
नई दिल्ली। नोटबंदी के 12वें दिन रविवार को बाहरी दिल्ली के विभिन्न इलाकों के एटीएम में पैसे निकालने वालों की कतार छोटी रही, लेकिन कैश नहीं निकलने के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। इलाके के अधिकतर एटीएम में कैश नहीं थे। इस कारण लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ा। हालांकि, एटीएम के बाहर सुबह में कम भीड़ थी, लेकिन दिन चढ़ने के साथ एटीएम के बाहर लाइन में इजाफा होता गया। इस दौरान कई एटीएम में कैश जल्द खत्म हो गए।
उत्तरी दिल्ली के रोहिणी, पीतमपुरा, प्रशांत विहार, शालीमार बाग, केशवपुरम, त्रिनगर, अशोक विहार, आजादपुर, बुराड़ी, आदर्श नगर सहित विभिन्न इलाकों में लोग छुट्टी के दिन साप्ताहिक संडे मार्केट और अन्य खुदरा बाजारों से सामानों की खरीदारी के लिए पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए एटीएम से कैश निकालने पहुंचे। हालांकि, उन्हें निराशा मिली क्योंकि कई जगहों पर एटीएम सुबह से नो कैश यानि कि खाली रहे। नकदी की कमी के बीच बैंक बंद होने के कारण एटीएम तो पहुंचे, लेकिन पैसे के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में लोग नोट को पाने की जद्दोजहद में यहां वहां घूमते दिखाई दिए। घर के पास वाले एटीएम में पैसे न होने की वजह से कई इलाकों के लोग दूर क्षेत्रों में पैसे निकालने पहुंचे, लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ।
18 में से सिर्फ एक एटीएम था खुला
रविवार को रोहिणी सेक्टर-18 के 18 एटीएम में से सिर्फ एक एटीएम खुला मिला। लोगों का कहना था कि इस इलाके के विभिन्न ब्लॉकों में सिर्फ एक एटीएम के खुले होने से दिक्कत हुई। यदि सभी एटीएम खुले होते तो परेशानी नहीं होती। निवासियों ने बताया कि क्षेत्र में मौजूद विजया बैंक के कर्मी बहुत मदद कर रहे हैं। एटीएम में पैसे खत्म होते ही तुरंत ही उसमें कैश भरवा देते हैं। बैंक मैनजर ने भी इस बात का खास ध्यान रख रहे हैं। छुट्टी के दिन भी लोगों को एटीएम से पैसे निकलवाने में दिक्कत न हो, इसलिए वह छुट्टी के दिन भी वहां खुद मौजूद रहे। लोगों का यह भी कहना था कि दो हजार की नोट बाजार में बदलने में दिक्कत तो आ रही है, लेकिन इसके अलावा कोई उपाय नहीं है, क्योंकि घर के खर्चे के लिए पैसे तो चाहिए, इसलिए एटीएम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।