नई दिल्ली। दिल्ली में नगर निगम चुनाव को लेकर हर पार्टी पुरजोर तरीके से अपनी ताकत झोकने में लगी हुई है। यहां तक की दिल्ली राज्य आयोग ने आने वाले एमसीडी चुनाव को लेकर वार्डों के परिसीमन के बाद अब अनुसूचित जाति व महिलाओं के लिए वार्डो के आरक्षण की अधिसूचना भी जारी कर दी है।
पिछले चुनाव में जहां दिल्ली चुनाव आयोग ने विधानसभा क्षेत्रवार वार्डो का आरक्षण तय किया था , वही इस बार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण तय किया गया है। जिसके चलते सियासी दलों के समीकरण पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। दिल्ली के तीनों नगर निगम पर फिलहाल अभी बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया हुआ लेकिन इसके बावजूद इस बार के होने वाले चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए कांग्रेस और दिल्ली सरकार ने अपनी पुरी तकतों को झोक दी है। ताकि इस बार उन्ही की सरकार नगर निगम चुनाव में अपना परचम लहरा सकें।
लेकिन उसमें भी वार्डो के बदले परीसीमन और आरक्षण कही न कही उम्मीदवारों का चयन करने में मुसिबत पैदा कर सकते हैं। उत्तरी नगर निगम में कुल 62, 54,758 मतदाता है। यानी तीनों नगर निगम में से सबसे ज्यादा उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अनुसूचित जाति की आबादी 12,12,172 है।इसका मतलब यह हुआ कि सबसे ज्यादा 19.38 फीसद सीटें इसी निगम मे आरक्षित की गई है।
पिछले साल के चुनाव में जहां 40 हजार की आबादी पर एक वार्ड बनाया गया था, वही इस बार के चुनाव में 60 हजार आबादी के आधार पर एक वार्ड को निधार्रित किया गया है। नए परिसीमन के चलते कई मौजूदा वार्ड भी खत्म हो गए है जबकि कुछ सीटों को भूगोल के आधार पर बदला गया है। जनसंख्या के हिसाब से वार्ड तय करने के लिए कई सीटों में विधानसभा क्षेत्र के बाहरी हिस्सों को भी जोड़ा गया है। अभी तक एक विधानसभा क्षेत्र में 4 वार्ड थे यानी एक संसदीय क्षेत्र में 40 वार्ड।
आपको बता दे कि लोकसभा व विधानसभा की सीटों के परीसीमन 2026 वर्ष तक रोक लगी हुई है,जबकि निगम अधिनियम के मुताबिक वार्डो का परीसीमन हर 10 वर्ष में होता है। पिछली बार 2001 की जनसंख्या के हिसाब से 2006 में निगम का परीसीमन हुआ था। जबकि इस बार 2011 के आधार पर परिसीमन किया गया है, लेकिन परिसीमन होने के बाद भी वार्डों की संख्या 272 ही रखा गया है। आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् औऱ दिल्ली छावनी इलाके नगर निगम के क्षेत्र में नहीं आते है।
किन विधानसभा क्षेत्रों में हुआ है बदलाव
मटियाला विधानसभा क्षेत्र में अब 4 के बजाए 7 वार्ड है, विकासपुरी,बवाना और बुराड़ी में 4 की जगह 6-6, नरेला,बादली,रिठाला,मुमुंडका, किराड़ी, बदरपुर, उत्तम नगर, नजफगढ़, देवली, बिजवासन, करावल नगर और ओखला में 5-5 वार्ड, 31 विधानसभाओं में 4-4 वार्ड, 21 विधानसभा क्षेत्रों में 3-3 वार्ड बनाए गए हैं।
वही कुछ इस तरह से वार्डों को बांटा गया है-
निगम कुल सीटें सामान्य महिला अनुसूचित,सीटें अनु. महिला
– उतरी 104 , 84, 42, 20 (19.38%) 10
– दक्षिणी 104, 89, 45, 15( 14,15 %) 8
– पूर्वी 64, 53, 27, 11 ( 16.58 %)6
हाईकोर्ट ने कायम रखा फैसला-
यहां तक की आपको बात दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका पर अपने फैसले को बनाए रखा है जिसमें याचिकाकर्ता ने आने वाले एमसीडी चुनाव में महिलाओं और अन्य वर्गे के लिए सीटों के आरक्षण को चुनौती दी है। अब देखना यह होगा कि आने वाले नगर निगम चुनाव में किस तरह का मौहल होने वाला हैं।