दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में पंथक सेवा दल के नेताओं की हुई सियासी हार के बाद अब उनकी कानूनी हार की शुरूआत हो गई है। उक्त दावा शिरोमणी अकाली दल दिल्ली ईकाई एवं दिल्ली कमेटी के प्रवक्ता परमिन्दर पाल सिंह ने मीडिया को जारी ब्यान में किया। उन्होंने जानकारी दी कि संगतों के फतवे को ना पचाने वाले नेताओं को अदालत में भी हार का सामना करना पड़ा है। पंथक सेवा दल के वकीलों की दलीलों पर कमेटी के नये जनरल हाऊस को बुलाने पर रोक लगाने संबंधी तीस हजारी जिला अदालत में जज डाॅ. कामिनी ला द्वारा किये गये इन्कार की बात करते हुए उन्होंने पसेद के महासचिव करतार सिंह कोछड़ को मीडिया को गुमराह ना करने वाली ब्यानबाजी करने की नसीहत दी। कोछड़ द्वारा मीडिया के कुछ हलको में महासभा को बुलाने पर अदालती रोक लगने संबंधी किये गये दावे को हास्यास्पद बताते हुए उन्होंने इस संबंधी अदालत द्वारा पसेद के वकील की रोक संबंधी दलील पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के शपथ ग्रहण संबंधी रोक ना लगाने के दिये गये हवाले का भी स्मरण कराया। उन्होंने साफ कहा कि जज ने सारे पक्षों को 1 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने की हिदायत देते हुए किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई है। संगत के फतवे को बड़े दिल से स्वीकार करने की पसेद के नेताओं को अपील करते हुए उन्होंने दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय द्वारा 24 मार्च को कमेटी के 5 नये पदाधिकारियों तथा 10 कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव संबंधी जारी किये गये पत्र का भी हवाला दिया।
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