खुले में शौच मुक्त गांवों के मामले में काफी पीछे हैं बिहार, उप्र और ओड़िशा

नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि खुले में शौच मुक्त गांवों के मामले में राष्ट्रीय औसत से बिहार, उत्तर प्रदेश और ओड़िशा काफी पीछे हैं। पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री रमेश चंदप्पा जीगाजिगानी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि तीन अप्रैल 2017 तक बिहार में 4.49 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 6.73 प्रतिशत और ओड़िशा में 6.40 प्रतिशत गांवों को खुले में शौच से मुक्त गांव घोषित किया गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 30.77 प्रतिशत है। मंत्री ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि स्वच्छता व्यवहार से जुड़ा मुद्दा है। खुले में शौच को रोकने के लिए लोगों की सोच में बदलाव लाना होगा। इसके लिए समुदाय की भागीदारी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए दो अक्तूबर 2019 का लक्ष्य रखा है। उन्होंने इस सिलसिले में प्राप्त आंकड़ों का ब्योरा भी दिया, जिसके मुताबिक मार्च 2017 तक हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में 100 फीसदी परिवारों के पास शौचालय की सुविधा थी। ब्योरे के मुताबिक बिहार में मार्च 2017 तक मात्र 28.48 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश (48 प्रतिशत) और ओड़िशा में 40.73 प्रतिशत परिवारों के पास ही शौचालय की सुविधा थी।

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