केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन के रोड शो में नहीं दिखा पायीं दम, मात्र आठ लोग ही थे मौजूद
नई दिल्ली (जनमत की पुकार)। त्रिनगर वार्ड से मंजू शर्मा को भाजपा द्वारा निगम प्रत्याशी बनाया जाना पार्टी की प्रतिष्ठा धूमिल कर रहा है। चुनाव प्रचार व जनसम्पर्कों में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नहीं देने और राजनीतिक सूझ—बूझ की कमी के कारण पहले दिन से ही हार के ओर बढ़ती मंजू शर्मा ने मंगलवार को अपनी हार की सूरत खुद ही बयां कर दी, जब इनके समर्थन में निकाले गये डॉ. हर्षवर्धन के रोड शो में एक दर्जन समर्थक भी नहीं जुटे।
जिप्सी पर डॉ. हर्षवर्धन व प्रत्याशी के अलावा मात्र दो अन्य समर्थक ही मौजूद थे। जबकि दो बाईकों पर दो लोग झंडा लिये आगे चल रहे थे। रोड शो के दौरान मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी की मानें तो रोड शो शुरू होने पर डॉ. हर्षवर्धन जिप्सी में खड़े होकर हाथ हिला रहे थे। लेकिन गाड़ी के थोड़ा आगे बढ़ने पर जब डॉ. हर्षवर्धन ने देखा कि भीड़—भाड़ नहीं है, तो वे तुरंत जिप्सी में एक तरफ चुपचाप बैठ गये। इस प्रकार भाजपा की पारंपरिक सीट रही त्रिनगर वार्ड के प्रत्याशी के रोड शो में मात्र आठ लोगों का शामिल होना पार्टी के लिए उपहास से कम नहीं है। क्षेत्र के लोगों की मानें तो त्रिनगर सीट से भाजपा की हार निश्चित है और इसका कारण है पार्टी द्वारा कमजोर प्रत्याशी का चयन। यहां मंजू शर्मा की हार का मुख्य कारण पार्टी कार्यकर्ताओं का उनके साथ नहीं होना है। त्रिनगर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी चयन में पार्टी पर मनमर्जी का आरोप लगाते हुए समर्पित कार्यकर्ताओं की अवहेलना किये जाने की बात कही है। यही कारण है कि भाजपा का एक भी स्थापित एवं पुराना कार्यकर्ता मंजू शर्मा के साथ नहीं है। इनकी जनसम्पर्क व पदयात्राएं मात्र चंद भाड़े के लोगों के सहारे चल रही है। लोगों का स्पष्ट कहना है कि मतदाताओं का साथ नहीं मिलने के कारण मंजू शर्मा का हारना निश्चित है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि त्रिनगर वार्ड से पार्टी प्रत्याशी चयन में लापरवाही के कारण भाजपा को यह सीट गंवानी पड़ सकती है।