भ्रष्टाचार पर चुप रहना असंभव था, इसलिए उपराज्यपाल से मिले: कपिल

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाने से पहले अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। रविवार सुबह साढ़े दस बजे वह राजनिवास पहुंचे, जाते समय गेट पर जुटे मीडियाकर्मियों को उन्होंने अपने मन की बात नहीं बताई। लेकिन मुलाकात के बाद राजनिवास के भीतर से ही कपिल मिश्रा ने ट्वीट करके बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में उनके लिए चुप रहना असंभव था। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए लिखा कि गैरकानूनी तरीके से कैश लेने के मामले में मैं उसके खिलाफ गवाह हूं। इसलिए मैने उपराज्यपाल से मिलकर पूरी सच्चाई बता दी है। दूसरे ट्वीट में लिखा कि कुर्सी क्या प्राण भी जाए तो भी वे भ्रष्टाचार के खिलाफ चुप नहीं रह सकते हैं। सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी की सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों पर जो आरोप लगाए गए हैं, इस पर आगे की कार्रवाई के लिए संविधान विशेषज्ञों से भी उपराज्यपाल ने रायशुमारी की है। उधर, उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद बाहर निकलने से पूर्व कपिल मिश्रा द्वारा किए गए उक्त दोनों ट्वीट ने भी खलबली मचा दी। राजनिवास से बाहर निकले कपिल मिश्रा ने कहा कि शनिवार शाम उन्हें दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर घोटाले में कुछ चौंकाने वाली जानकारी मिली, जिसे जगजाहिर करना जरूरी था। उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की, लेकिन उनसे सकारात्मक जवाब नहीं मिला फिर एसीबी से मिलने का समय मांगा। इसी दौरान शनिवार देर शाम उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करने की जानकारी मिली। जिससे साफ है कि जल बोर्ड घोटाले में सब मिले हैं। इसलिए उपराज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी देना जरूरी था। हालांकि राजनिवास से बाहर निकलने के बाद उन्होंने मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा मुख्यमंत्री केजरीवाल को पैसे देने की बात का जिक्र तक नहीं किया। यह आरोप पूर्व निर्धारित प्रेस वार्ता के दौरान ही बताई। मिश्रा का उपराज्यपाल से मुलाकात तथा उसके बाद उनका बार-बार यह कहना कि मंत्री सत्येंद्र जैन जिन आरोपों में घिरे हुए हैं उनमें वह आठ से दस दिनों में जेल जाएंगे। अब चर्चा चल रही है कि उपराज्यपाल जल्द ही प्राप्त शिकायतों के आधार पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।

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