पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और सिवान जेल में सजायाफ्ता राजद नेता मो. शहाबुद्दीन की बातचीत का टेप लीक क्या हुआ। बिहार में भाजपा को सरकार के खिलाफ आक्रामक होने का मौका मिल गया है। वहीं सीएम नीतीश कुमार को भी कुछ बोलते नहीं बन रहा है। यूं कहें कि बिहार सरकार बैकफुट पर है।
इस बीच भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। भाजपा इस बात को खूब भुना रही है कि बिहार सरकार अपराधियों के इशारे पर काम कर रही है। भाजपा के मुताबिक लालू प्रसाद एक्सपोज हो गए हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि लालू अपराधियों से दिशानिर्देश लेते हैं। इस मामले में जानकार भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं। पहली बात तो जेल में बंद किसी अपराधी से लालू सरीखे नेता के बातचीत का कोई औचित्य ही नहीं है। जिस तरह से लालू सीधे एसपी से फोन करने की बात करते हैं। उससे साफ लगता है कि पुलिस प्रशासन पर लालू का अनुचित दबदबा है, जबकि वे सरकार का हिस्सा नहीं हैं। हत्या मामले में शहाबुद्दीन सिवान जेल में बंद हैं, वहीं राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर आज भी उनका नाम दर्ज है। ताजा आरोपों के बावजूद राजद शहाबुद्दीन को कार्यकारिणी से निकालने के लिए तैयार नहीं है। बाहुबली शहाबुद्दीन पर 50 से अधिक मामले चल रहे हैं। और वो जेल में रहते हुए लगातार राजद अध्यक्ष के संपर्क में है। वहीं बिहार भाजपा ने मामले की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री को देने की बात कही है। साथ ही गृह मंत्री से राज्यपाल के जरिए रिपोर्ट तलब करने की भी मांग उठने लगी है। भाजपा के अलावा अन्य पार्टियां भी लालू प्रसाद के खिलाफ हमलावर हो गई हैं। लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि नीतीश कुमार की सरकार का रिमोट कंट्रोल अपराधियों के पास है। वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इस टेप से सुशासन सरकार की पोल खुल गई है। मांझी के मुताबिक राज्य में अपराधियों का राज है। हालांकि बिहार सरकार के ज्यादातर मंत्री और जदयू के बड़े नेता टेप की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर बचने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल राजद या फिर खुद लालू की तरफ से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।