नई दिल्ली। सराय पीपल थला वार्ड से निगम चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस नेता मुकेश गोयल के समर्थक अब अपनी ही पार्टी के नेता व दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल की पार्टी से विदाई चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। टिकट वितरण के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन को निशाने पर लेने वाले सिंघल पर अब कांग्रेस कार्यकर्ता ही पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगा रहे हैं। सिंघल के साथ जिलाध्यक्ष सहित कुछ अन्य नेता भी इनके निशाने पर हैं। बताया जा रहा है कि मुकेश गोयल ने भी सिंघल के खिलाफ पार्टी नेतृत्व से शिकायत की है।
आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं मुकेश गोयल और मंगत राम सिंघल के बीच राजनीतिक रंजिश काफी पुरानी है। मुकेश गोयल धीरपुर वार्ड से लगातार चार बार निगम पार्षद रहे हैं। इसके साथ ही वे नगर निगम के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के साथ ही पिछली बार उत्तरी नगर निगम में प्रतिपक्ष के नेता भी रहे हैं। पिछला विधानसभा चुनाव भी उन्होंने मंगत राम सिंघल का टिकट कटवाकर खुद कांग्रेस से लड़ा, लेकिन आम आदमी पार्टी की आंधी में वे शिकस्त तो खाए गए, लेकिन कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत रखी। सराय पीपल थला वार्ड से टिकट हासिल करने के बाद चुनाव जीतकर अपनी ताकत भी दिखा दी। गोयल जब इस बार धीरपुर के बजाय सराय पीपल थला वार्ड से टिकट मांग रहे थे तो पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल विरोध कर रहे थे। सिंघल का बेटा भी इस वार्ड से टिकट का दावेदार था, मगर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने मुकेश गोयल पर भरोसा जताते हुए उन्हें सराय पीपल थला से चुनाव मैदान में उतारा तो मंगत राम सिंघल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन पर कांग्रेस को गर्त में ले जाने का आरोप लगा दिया। प्रचार के दौरान गोयल को अपनी ही पार्टी के नेताओं के भितरघात का सामना करना पड़ा।
कहने को कांग्रेस की तरफ से चुनाव की कमान केवल कुछ जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायकों के हाथ रही, लेकिन हकीकत में चुनाव अकेले मुकेश गोयल ने अपने दम पर ही लड़ा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन भी एक दिन प्रचार के लिए इस क्षेत्र में नहीं आए। इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मुकेश गोयल अच्छे मत हासिल कर चुनाव जीते। अब वे चुनाव जीत चुके हैं। चुनाव जीतने के साथ ही उनके समर्थकों ने अब मंगत राम सिंघल के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए दवाब बनाना शुरू कर दिया है। उनके समर्थक चाहते हैं कि जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खेमे के मंगत राम सिंघल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन पर भी आरोप लगाए हैं उसे देखते हुए माकन के माध्यम से सिंघल को पार्टी से हमेशा के लिए बाहर करवाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर गोयल पार्टी पर राष्ट्रीय स्तर का कोई पद हासिल करने के लिए दबाव बनाएं, जिससे सिंघल का कद अपने आप छोटा हो जाए। चूंकि गोयल पिछली बार उत्तरी नगर निगम में प्रतिपक्ष के नेता रहे हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस की अपेक्षा आम आदमी पार्टी के अधिक पार्षद होने के कारण नेता प्रतिपक्ष का पद आम आदमी पार्टी के पास गया है। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन बगावत करने वाले मंगत राम सिंघल को हाशिये पर रखने के लिए गोयल को भी पूर्व विधायक देवेंद्र यादव एवं पूर्व पार्षद तरुण कुमार की तरह पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिलवा सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस के कई नेताओं जिनमें मंगतराम सिंघल भी शामिल थे, ने राहुल गांधी से मिलकर अजय माकन को प्रदेश अध्यक्ष से हटाने की बात की थी। इस प्रकार इन दोनों में आपसी रस्साकशी कोई नई बात नहीं मालूम होती है। साथ ही पिछले दिनों मंगतराम सिंघल के भाजपा में शामिल होने की चर्चा भी उठी थी।