- जनमत की पुकार/आरके जायसवाल
नई दिल्ली। महाशिवरात्रि के मौके पर उत्तरी दिल्ली के सभी मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठे। शिवभक्तों ने पूरे उल्लास के साथ भोले बाबा का जलाभिषेक किया। सैकड़ों किमी चलकर हरिद्वार से कांवड़ में भर कर लाए गंगाजल शिवलिंग पर चढ़ाया। अलग-अलग मंदिरों में सुबह से ही लंबी कतारों में खड़े भक्त भगवान के दर्शन को आतुर दिखे। भोले भंडारी का जलाभिषेक करने के बाद शिवभक्तों ने भजनों पर खूब नृत्य किया। इस दौरान जगह-जगह मंदिरों और सार्वजनिक जगहों पर भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कई स्थानों पर भजन संध्या, कीर्तन व कथा का आयोजन हुआ।
इस मौके पर सुबह की आरती से लेकर शाम के भजन तक शिवालयों में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा। उत्तरी दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद सभी छोटे-बड़े शिव मंदिरों में लोगों ने उत्साह और श्रद्धापूर्वक भगवान शिव का पूरे विधि-विधान के साथ लोगों ने पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर कांवड़ियों के साथ-साथ स्थानीय श्रद्धालुओं ने शिव की अराधना में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। जिसमें व्रत करने वालों की संख्या भी काफी रही। लोग अपनी-अपनी पूजा की थाल सजाकर शिव की पूजा के लिए पहुंचे क्योंकि लोगों में ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। मुख्य रूप से बेलपत्र, धतूरे का फूल और दूध से भगवान शिव की पूजा की। हर ओर से हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही थी। इस मौके पर मंदिरों की साज-सजावट भी देखते बन रही थी। जहां भक्त भोले-भंडारी की जयजयकार करते नजर आए। मंदिर छोटा हो या बड़ा भक्तों की श्रद्धा और भीड़ में कोई कमी नहीं रही।
इस अवसर पर कई मंदिरों में शिव-पार्वती की झांकियां भी लगाई गई। त्रिनगर के विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों ने पूजा अर्चना की। केशवपुरम स्थित प्रसिद्ध पारदेश्वर धाम शिव मंदिर के साथ पीतमपुरा, संतनगर, रानीबाग, शालीमार बाग, पंजाबी बाग, रोहिणी, सुल्तानपुरी, मंगोलपुरी, आजादपुर, आदर्श नगर, मुखर्जी नगर, मादीपुर के प्राचीन शिव मंदिर में भी भक्तों की बड़ी संख्या मौजूद रही। शालीमार बाग के मौजूद सभी शिवालय घंटियों और शंख की ध्वनि गूंजी। भोले शंकर मंदिर में भी भक्तों का तांता लगा रहा।