नई दिल्ली । भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कई कदम उठा चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि भ्रष्टाचार संस्थागत (इंस्टीट्यूशनलाइज) हो गया है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए भी संस्थागत प्रयास करना होगा। हां इतना जरूर भरोसा दिलाया कि वह इसे निर्मूल करेंगे। फिलहाल इतना हुआ है कि दलाल बेकार हो गए हैं और वही बेरोजगारी की बात चिल्लाते घूम रहे हैं।
गुरुवार को नीति आयोग की ओर से आयोजित ‘चैंपियंस ऑफ चेंज’ कार्यक्रम में करीब पौने घंटे के भाषण में प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के माध्यम से आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को हल करने और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्र में निजी क्षेत्र से योगदान की अपील भी की। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में करीब तीन घंटे मौजूद रहे और जब युवा उद्यमियों ने अपनी बात रखी तो वह एक साधारण श्रोता की तरह वित्त मंत्री अरुण जेटली और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगढि़या के पीछे वाली कतार में बैठकर ध्यानपूर्वक सुनते रहे। उनके समक्ष छह समूहों ने प्रजेंटेशन दिया। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अरविंद टैक्सटाइल समूह के कार्यकारी निदेशक कुलीन लालभाई ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।
प्रधानमंत्री ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि अभी यहां भ्रष्टाचार पर चर्चा हो रही थी। कुलीन का कहना है कि न्यायपालिका को ठीक कर दीजिए सब ठीक हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुलीन यह कर सकता है।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने गंभीरतापूर्वक कहा कि दुर्भाग्य से भ्रष्टाचार संस्थागत हो गया है। जब तक आप इसे रोकने के लिए संस्थागत उपाय (काउंटर इंस्टीट्यूशनल अरेंजमेंट) नहीं करते तब तक आप उसको रोक नहीं पाते।
देश में व्याप्त दलाली का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे देश में बहुत से दलाल हैं। दलाली इनका रोजगार है। लेकिन ऐसे लोग इन दिनों बेकार हो गए हैं और अब वे बहुत चिल्ला रहे हैं कि रोजगार नहीं है, रोजगार नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये दलाल गरीब के घर में जाते थे और चपरासी की नौकरी दिलाने के लिए 50 हजार रुपये और अंशकालिक नौकरी दिलाने को 20 हजार रुपये मांगते थे। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने थर्ड और फोर्थ ग्रेड में साक्षात्कार खत्म कर दिया है ताकि नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। मोदी ने कहा कि सरकार में 65 प्रतिशत से ज्यादा रोजगार इन लोगों का होता है। अब इन पदों पर नौकरी साक्षात्कार के माध्यम से नहीं मेरिट के आधार पर लगती है। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में उनकी सरकार से किए जा रहे उपायों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ऐसे संस्थागत बंदोबस्त करने में जुटी है कि अगर व्यक्ति थोड़ा खराब हो तो भी व्यवस्था अपने आप संभाल लेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र और सरकार के बीच यह अपने तरह का पहला आयोजन है और उनकी सरकार इसे सालाना आयोजन बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में युवा उद्यमियों के जिन छह समूहों ने पांच-पांच विषयों पर फोकस किया है क्या यही ग्रुप उससे संबंधित मंत्रालय के साथ स्थायी तौर पर जुड़ सकते हैं। प्रधान मंत्री ने कहा कि जो लोग डिजिटल पर काम कर रहे हैं, अगर वे अपना समय ऑफर करते हैं, तो सरकार में डिजिटल इंडिया का काम देखने वाले मंत्री और अफसरों की वह उनके साथ एक टोली बना देंगे।
मोदी की 200 लोगों की टीम
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी टीम में करीब 200 लोग हैं और वह उनसे लगातार चर्चा करते रहते हैं। वह एक साथी के तौर पर उनसे चर्चा करते और उनके साथ समय गुजारते हैं। पीएम ने कहा कि जैसे किसान खेत जोतता है, मैने भी 200 लोगों के दिमाग में जोतने का काम बहुत किया है। मैं अनुभव से कह सकता हूं कि आज वे किसी भी विचार बीज को स्वीकार करने के लिए लालायित हैं। यह बहुत बड़ा बदलाव है।