DUSU चुनाव के लिए ABVP ने किया उम्मीदवारों का एलान

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों के लिए बुधवार को नामवापसी के बाद एबीवीपी और एनएसयूआई ने अपने पैनल की घोषणा कर दी। इसके बाद दोनों छात्र संगठनों ने नॉर्थ कैम्पस में रैली निकाल कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। रैली निकालते हुए दोनों के समर्थक नारेबाजी करते हुए आपस में भिड़ गए, मगर पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए मामले को बढऩे से पहले ही शांत करा दिया।

नाम वापसी के बाद अब डूसू के चुनावी रण में कुल 20 प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं। नाम वापसी के बाद एबीवीपी और एनएसयूआई ने भी अपने पैनल घोषित कर दिए। जिससे अब चुनाव प्रचार में तेजी देखने को मिलेगी। डूसू के लिए 12 सितम्बर को मतदान होगा, जिसमें डीयू के लगभग पौने दो लाख छात्र मतदाता है।

अध्यक्ष पद पर सबसे अधिक प्रत्याशी 

डूसू के विषय में कहा जाता है कि जिस संगठन का अध्यक्ष डूसू उसका। यह बात कुछ हद तक सही भी दिखाई देती है। डूसू के अन्य पदों के मुकाबले अध्यक्ष पद की जीत-हार पर छात्र संगठनों का सबसे अधिक ध्यान रहता है। यही कारण है कि अध्यक्ष पद पर सबसे अधिक उम्मीदवार अभी भी चुनाव मैदान में है। डूसू में कुल 20 में से छह अध्यक्ष पद पर अपनी किस्मत अजमा रहे हैं, जबकि उपाध्यक्ष और सचिव पर पांच-पांच, संयुक्त सचिव पर चार प्रत्याशी चुनावी समर में अपनी नैया पार लगाने को गोता लगा रहे हैं।

आखिरी समय पर किया एबीवीपी और एनएसयूआई ने पैनल घोषित 

मालूम हो कि इस बार भी एबीवीपी व एनएसयूआई ने अपने पैनल की घोषणा नामांकन के आखिरी समय तक नहीं की थी। उन्हें डर था कि चुनाव में बहुत से डमी कैंडिडेट भी खड़े हो जाते। अत: दोनों संगठनों ने नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन अपने-अपने पत्ते खोले। इस बार जहां एबीवीपी ने नौ लोगों का, वहीं एनएसयूआई ने 13 लोगों का नामांकन कराया था।

जातिगत राजनीति फिर हावी

इस बार भी डीयू में जातिगत राजनीति हावी दिखाई दी। जाति समीरकण को साधने के लिए एबीवीपी और एनएसयूआई ने जाट और गुर्जर को अपने पैनल में एकबार फिर से जगह दी है। मालूम हो, डीयू की राजनीति जाट और गुर्जर वर्ग के मतदाता बड़ी संख्या में हैं, इसके अलावा यहां की छात्र राजनीति में भी दोनों वर्गों का दबदबा रहा है। ऐसे में दोनों को अपने पैनल में जगह देने के साथ ही अन्य वर्ग के छात्रों को भी अपने पाले में करने की कोशिश की है।

लिंगदोह कमेटी व एनजीटी के आदेशों की उड़ीं धज्जियां

छात्र संगठनों द्वारा लिंगदोह कमेटी व एनजीटी के आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गईं। एबीवीपी व एनएसयूआई समर्थक छात्रों ने पैनल की घोषणा होते ही हवा में हैंडविल उड़ाए। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से लेकर छात्रा मार्ग तक पोस्टरों से पटा हुआ दिखा। जबकि डीयू प्रशासन द्वारा कठोर आदेश दिया गया था कि यदि कोई छात्र पोस्टर लगाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विवेकानंद मूर्ति पर जूते पहनकर चढ़े एनएसयूआई समर्थक 

पैनल की घोषणा होने के बाद जहां एनएसयूआई के प्रत्याशी नंगे पैर आट्र्स फैकल्टी में लगी स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर चढ़े, वहीं उनके समर्थक जूते पहने ही मूर्ति पर चढ़ गए, जिससे साफ जाहिर होता है कि वो देश के महान विभूतियों का कितना आदर करते हैं।

एनएसयूआई अध्यक्ष पद प्रत्याशी पर असमंजस

देर शाम डूसू मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय द्वारा एनएसयूआई की तरफ से घोषित पैनल में अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी बनाए गए रॉकी तुषीर का पर्चा खारिज कर दिया गया। जिसके बाद एनएसयूआई के पदाधिकारी मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी बब्बर से मिलने पहुंचे। एनएसयूआई के प्रवक्ता नीरज मिश्रा ने बताया कि डीयू प्रशासन द्वारा रॉकी के पर्चा खारिज करने के पीछे 300 रुपए की कुर्सी तोडऩा कारण बताया गया है। यह मामला शिवाजी कॉलेज का है। वह अब बुद्धिस्ट डिपार्टमेंट में एमए प्रथम वर्ष के छात्र हैं। इसको लेकर हम वीरवार सुबह कोर्ट जाएंगे। कोर्ट का फैसला आने तक रॉकी तुषीर ही हमारा कैंडिडेंट रहेगा। संभावित के तौर पर हम अलका सहरावत को अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाने के लिए तैयार हैं।

DU छात्र संघ चुनाव

एबीवीपी पैनल के प्रत्याशी

– रजत चौधरी (अध्यक्ष)

– पार्थ राणा (उपाध्यक्ष)

– महामेधा नागर (सचिव)

– उमाशंकर  (सह सचिव)

एनएसयूआई पैनल

– रॉकी तुषीर  अध्यक्ष (नामांकन निरस्त जाएंगे कोर्ट)

– कुनाल सहरावत  (उपाध्यक्ष)

– मीनाक्षी मीणा (सचिव)

– अविनाश यादव (सह सचिव)

आइसा का पैनल

– आदित्य वैभव (उपाध्यक्ष)

– जयश्री  (सचिव)

– आकाश गुप्ता  (संयुक्त सचिव)

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