- जनमत की पुकार
नई दिल्ली। कुछ पुलिसकर्मियों की मनमानी और आम आदमी के प्रति उनके गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण दिल्ली पुलिस की छवि खराब हो रही है। आम जनता के बीच दिनोंदिन विश्वास खोती जा रही पुलिस जनता से तब और दूर हो जाती है, जब पुलिसकर्मी अपने ड्यूटी के समय लोगों के साथ अपना निजी खुंदक निकालने लगते हैं।
पिछले दिनों दिल्ली के एक व्यवसायी के साथ कुछ ऐसा ही वाक्या घटित हुआ, जब दिल्ली पुलिस के एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने व्यवसायी पुत्र का ड्राइविंग लाइसेंस बिना किसी ठोस कारण के कई महीनों तक के लिए निलंबित कर दिया।
इस घटना के जिक्र करते हुए पश्चिम विहार मीराबाग के निवासी व्यवसायी यशपाल बंसल ने ‘जनमत की पुकार’ को बताया कि पिछले दिनों जब वे अपने निजी वाहन से पीरागढ़ी से मीराबाग की ओर जा रहे थे तो इस दौरान जब वे बाहरी रिंग रोड स्थित रेडिशन होटल के पास से गुजर रहे थे, तो वहां मुख्य रास्ता बंद था और लोग अपनी गाड़ियों से रेडिएशन होटल के अंदर से निकल रहे थे। व्यवसायी ने आगे आरोप लगाया कि उसी दौरान अन्य वाहन वालों की तरह जब उन्होंने भी होटल के अंदर वाले रास्ते से निकलने की गुजरने की कोशिश की, तभी वहां मौजुद पुलिसकर्मी सरजीत ने वह रास्ता बंद कर दिया।
यह देखकर उन्होंने इसका विरोध किया और पुलिसकर्मी से रास्ते खोलने का अनुरोध किया, लेकिन पुलिसकर्मी अपनी मनमानी पर उतर आया और उनके साथ दुर्व्यवहार करने लगा। खैर, उस दिन यह बात खत्म हो गई और व्यवसायी दूसरे रास्ते से अपने गंतव्य की ओर चले गए।
व्यवसायी ने आगे अखबार को बताया कि हाल ही में वे अपने पुत्र के साथ अपने निजी वाहन से घर जाते समय उनका सामना उसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी सरजीत से हो गया। फिर क्या था, उस ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने शायद उस दिन की बात याद कर उन्हें रोका और तेज वाहन चलाने का झूठा आरोप लगाते हुए ड्राइविंग सीट पर बैठे उनके पुत्र का चालान करने लगा। व्यवसायी ने उस दिन पुनः इस बात का विरोध किया और पुलिसकर्मी द्वारा उनके पुत्र को बेवजह परेशान करने का कारण पूछा। व्यवसायी द्वारा ऐसे करने पर उक्त पुलिस कर्मी भड़क गया। इतना ही नहीं, उस पुलिसकर्मी ने व्यवसायी पुत्र का ड्राइविंग लाइसेंस तीन माह तक के लिए निलंबित कर दिया।
अब ऐसे गैरजिम्मेदार पुलिसकर्मी की जनता के प्रति इस प्रकार के व्यवहार पर सवाल उठना लाजमी है। लोगों का कहना है कि ऐसे ही अव्यवहारिक पुलिसकर्मी सरजीत के कारण दिल्ली पुलिस आम दिल्ली वालों के दिलों से दूर होती जा रही है और दिल्ली पुलिस का मतलब मात्र रिश्वत लेने वाला एक अदना सरकारी कर्मचारी भर रह गया है।