गुजरात चुनाव: क्या बीजेपी की ‘बी टीम’ बन गई है आम अादमी पार्टी?

गुजरात में पाटीदार नेता और अल्पेश ठाकोर से मिले झटकों से बीजेपी के लिए स्थिति थोड़ी असहज हो गई है। ऐसे में राज्य में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने एक नई रणनीति बनाई है। बीजेपी की बड़ी विरोधी रही आम आदमी पार्टी भी इस ‘पिक्चर’ में अहम रोल निभा सकती है। गुजरात में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी लगातार पांचवीं बार राज्य में अपनी जीत दर्ज करने की कोशिश में है। 15 साल में यह पहला चुनाव है, जब बीजेपी बगैर नरेंद्र मोदी के मैदान में उतर रही है।

बीजेपी के विश्वस्त सूत्रों ने हमारे सहयोगी अहमदाबाद मिरर को बताया कि बीजेपी गुजरात में आम आदमी पार्टी की तरफ से खड़े किए गए 11 उम्मीदवारों पर नजर बनाए हुए है। एक बीजेपी नेता ने बताया, ‘हमने इन उम्मीदवारों का आकलन किया है। इनमें से कोई भी उम्मीदवार जीतने की स्थिति में नही है, लेकिन उनके होने से कांग्रेस को वोटों का नुकसान होगा और हमें फायदा।’

बताया जा रहा है कि जिन 11 सीटों पर आप ने उम्मीदवारों का ऐलान किया है, उनमें से कम से कम 10 सीटें ऐसी हैं जहां पटेल और ओबीसी आरक्षण की वजह से बीजेपी के लिए सीट बचाना मुश्किल होगा। ये ऐसी सीटें हैं, जहां इन आंदोलनों का सीधा असर पार्टी पर पड़ सकता है। इन 11 सीटों में 5 सीटें वे हैं, जहां पिछले चुनावों में बीजेपी 5000 वोटों के अंतर से ही जीती थी। इन सीटों में बापूनगर, लाठी, छोटा उदयपुर, पडरा और कर्जन हैं। बीजेपी नेता ने बताया कि पाटीदार और ओबीसी आंदोलनों की वजह से ये 11 सीटें हमारे लिए चुनौती बन गई हैं। ऐसे में हमें पूरी उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार यहां कांग्रेस के वोट काटने का काम करेंगे और इसकी सीधा फायदा हमें होगा।

आम आदमी पार्टी के नेताओं से जब इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने ऐसी किसी भी संभावना को पूरी तरह खारिज कर दिया। आप के प्रवक्ता और स्टेट मीडिया कॉर्डिनेटर हर्शील नायक ने मिरर से बात करते हुए बताया कि ये सभी दावे निराधार हैं। उन्होंने कहा, ‘पंजाब चुनाव में हमारी हार के बाद पार्टी एक रणनीति पर काम कर रही है। इस रणनीति के तहत आम आदमी पार्टी उन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जहां हमारे पास अच्छे उम्मीदवार हैं और हमारी पार्टी का आधार मजबूत है।’

नायक ने बताया कि पार्टी ने अभी तक सिर्फ 11 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। उन्होंने बताया, ’50 उम्मीदवारों की लिस्ट के बारे में पार्टी में चर्चा की जा रही है। अगर कांग्रेस पार्टी को लगता है कि हम बीजेपी की मदद कर रहे हैं तो मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या हमारे उम्मीदवार न खड़े करने पर कांग्रेस यह चुनाव जीत सकती है?’ नायक ने बताया कि उनकी पार्टी उम्मीदवारों का चुनाव करने के लिए कठिन नियम बना रही है। गुजरात के प्रभारी गोपाल राय के हवाले से नायक ने बताया, ‘हम बीजेपी के विरोधी हैं। हमें चुनाव लड़ने का लोकतांत्रिक अधिकार है। कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी को टक्कर देने के लिए हमारे पास कोई आधार नहीं है, ऐसी स्थिति में यदि कांग्रेस हमें आश्वासन दे कि वह बीजेपी को हरा देगी तो हम और उम्मीदवार नहीं खड़े करेंगे। कांग्रेस यह तय नहीं कर सकती कि हमें चुनाव लड़े या न लड़ें।’ मिरर ने इस बारे में गोपाल राय से बात करने की कोशिश की, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया।

हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोधवाडिया ने बातचीत में बताया कि आम आदमी पार्टी बीजेपी की बी टीम के तौर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘आप ने 11 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है। मुझे पूरा भरोसा है कि आप इनमें से कोई भी सीट नहीं जीतेगी। इनके ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी। हालांकि इस कारण हमें इन सीटों पर काफी नुकसान होगा।’ उन्होंने कहा कि अगर आप सचमुच बीजेपी को कड़ी टक्कर देना चाहती है तो वह कांग्रेस से क्यों लड़ रही है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी राजकोट पश्चिम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। रुपानी के सामने कांग्रेस के युवा विधायक इंद्रनील राज्यगुरु मैदान में हैं। वहीं आप के राजेश कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।

एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी इनमें से ज्यादातर सीटें जीत सकती हैं क्योंकि बीजेपी को यहां आप, एनसीपी और जनविकल्प पार्टी से काफी मदद मिल रही है। जन विकल्प कांग्रेस के पूर्व नेता शंकर सिंह वाघेला की पार्टी है। कांग्रेस नेता का कहना है कि ये पार्टियां यदि कांग्रेस 1000-1000 वोट भी काटने में कामयाब रहीं तो बीजेपी के लिए जीतना मुश्किल नहीं होगा। इस बारे में जब बीजेपी के राज्य प्रमुख जीतू वघानी से बात की गई तो उन्होंने दावों को पूरी तरह नकारते हुए इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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