नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। यहां के कई नेता गुजरात चुनाव में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के गुजरात चुनाव में उतरने की घोषणा के बाद जुबानी जंग भी तेज हो गई है।
नेताओं ने सोशल मीडिया पर भी एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पिछले चुनावों के आंकड़ों और तथ्यों के साथ एक-दूसरे को घेरने की कोशिश हो रही है। जिस तरह से नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हुआ है, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में यह लड़ाई और तेज होगी।
कांग्रेस का वार- AAP पहुंचा रही भाजपा को मदद
गुजरात चुनाव लड़ने की आम आदमी पार्टी की घोषणा के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। उन्होंने AAP पर भाजपा को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर केजरीवाल भी ओवैसी की तरह भाजपा को सियासी लाभ पहुंचा रहे हैं। वह उन्हीं राज्यों में चुनाव लड़ते हैं, जहां भाजपा या उसके गठबंधन की सरकार है।
ऐसा कर वह सरकार विरोधी लहर को बांटने और कांग्रेस के परंपरागत वोट में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं। यही कारण है कि इस वर्ष आप ने पंजाब व गोवा विधानसभा चुनाव तो लड़ा, लेकिन गैर भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर के चुनाव से दूर रही। अब वह भाजपा शासित गुजरात में चुनाव लड़ने जा रही है, लेकिन कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में नहीं।
भाजपा का पलटवार- AAP को बताया कांग्रेस की बी टीम
माकन के इस आरोप का जवाब देने के लिए भाजपा नेता भी मैदान में उतर आए हैं। दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व महामंत्री आशीष सूद जिनके पास वडोदरा जिले के दस विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी है, ने कांग्रेस पर पलटवार किया है।
उनका कहना है कि माकन को यह बताना चाहिए कि आप को बनाने में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की क्या भूमिका थी।
हकीकत यह है कि आप कांग्रेस की बी टीम है। वर्ष 2012 में भ्रष्टाचार में डूबी हुई कांग्रेस सरकार ने अपने फायदे के लिए केजरीवाल को सियासी मैदान में उतारा था, जिससे कि कांग्रेस विरोधी वोट का बंटवारा हो सके।
2013 में कांग्रेस के समर्थन से ही दिल्ली में आप की पहली सरकार बनी थी। 2015 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं ने खुलेआम आप उम्मीदवारों के लिए काम किया था।
दोनों की साठगांठ का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि दस्तावेज दिखाकर दीक्षित और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने और जेल भेजने की बात कहने वाले केजरीवाल ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, इन आरोपों को लेकर किसी कांग्रेस नेता ने आप नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस नहीं किया है।