पंचतत्व में विलीन हुए मणिपुर आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान अजय झा 

  • गार्डन ऑफ़ ऑनर के साथ दी गई सलामी, पार्थिव शरीर की दर्शन करने उमड़े लोगों की भारी भीड़
  • अजय झा की शहादत बेकार नहीं जाएगी: सांसद रामप्रीत मंडल
  • राजकीय सम्मान के साथ सीआरपीएफ के जवान अजय झा का किया गया अंतिम संस्कार
जनमत की पुकार
मधेपुर: मनीपुर आतंकी हमला में शहीद हुए बांकी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान 45 वर्षीय अजय कुमार झा का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह जैसे ही गांव पहुंची,गांव में कोहराम मच गया।हर किसी की आंखें नम थी। उनके शहादत के मौके पर जमकर नारेबाजी की गई जबतक सूरज चांद रहेगा अजय झा का नाम रहेगा। उनके पार्थिव शरीर का एक झलक पाने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ मंगलवार को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।  देश की रक्षा में तैनात अपने प्राणों की आहुति देने वाले सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा का सुबह नौ बजे दी गई अंतिम विदाई। शहीद अजय के बड़े बेटे अमन कुमार झा ने मुखाग्नि दी।ह्रदय विदारक दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोगों के आंखों में आंसू आ गए। वहीं, शहीद के पार्थिव शरीर को पंचतत्व में विलीन करने से पहले सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल ने सैन्य धुन बजाकर उन्हें सेना के जवानों ने बंदूक फायर कर आखिरी सलामी दी। इससे पहले परिवहन मंत्री सह फुलपरास विधायक शीला मंडल, सांसद रामप्रीत मंडल, डीएम अरविंद कुमार, सीआरपीएफ डीआईजी चंद्र भूषण, सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर डीआईजी राकेश कुमार, मधुबनी एसपी सुशील कुमार, एसडीओ कुमार गौरव, एसडीपीओ पवन कुमार, बीडीओ विशाल आनंद, सीओ नीतीश कुमार, थानाध्यक्ष मधेपुर प्रकाश चंद्र राजू सहित अन्य शाहिद जवान के परिवार के सदस्यों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प हार चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीद जवान अजय झा अपने पीछे एक  भरा पूरा परिवार को छोर दुनियां को अलविदा कह गए। कहते हैं एक सैनिक जब देश की रक्षा करते हुए शहीद होते हैं तो पूरा देश गम में डूब जाता है, यह बात मंगलवार को बांकि गांव में सिद्ध हुआ। शहीद जवान का पार्थिक शरीर गांव की गलियों सड़कों पर जिधर से गुजर रही थी लोगों के आंखों को नम हो जाती थी।शहीद सीआरपीएफ जवान सीटी/डीवीआर अजय कुमार झा 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे। रविवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले के जिरीबाम थाने के मोंगबुंग गांव के समीप कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए कायराना हमले में वो वीर गति को प्राप्त हो गए थे। यह घटना रविवार सुबह उसवक्त घटित हुई जब सीआरपीएफ जवानों की टीम शनिवार को हुई गोलीबारी घटना को लेकर सर्च ऑपरेशन के लिए मोनबुंग गांव की तरफ जा रही थी। शहीद जवान बांकी गांव निवासी हरिश्चंद्र झा तथा ठकनी देवी के पुत्र हैं। उनकी पत्नी अन्नू देवी अपने दो पुत्र व एक पुत्री के साथ बिहार मुजफ्फरपुर के सीएसरपीएफ झपहा कैम्प स्थित आवास में रहती हैं। पत्नी अपने पुत्र व पुत्री के साथ गांव रविवार देर शाम आ गई थीं। सीआरपीएफ के डीआईजी चंद्र भूषण ने बताया कि जवान अजय झा के सिर पर उसवक्त कुकी उग्रवादियों ने गोली मारी जब वे सैन्य अधिकारी को लेकर सैनिक वाहन चलाकर सर्च ऑपरेशन के लिए मोनबुंग गांव की तरफ जा रहे थे। जिस सटीकता से शहीद जवान पर हमले किए गए उससे पता चलता है कि आतंकवादियों ने अत्याधुनिक हथियार का इस्तेमाल किया था। शाहिद सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा के पार्थिक शरीर का अंतिम दर्शन करने सुबह उनके गांव बांकी आवास पर हजारों लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
उनके घर पर ग्रामीण सहित अन्य लोग पहुंचकर शहीद जवान के परिजन को सांत्वना दे रहे थे। शाहिद जवान के अंतिम विदाई समारोह में पहुंचे मधुबनी डीएम अरविंद कुमार एवं एसपी सुशील कुमार ने बताया कि सीआरपीएफ के डीजी द्वारा मुख्य सचिव व डीजीपी बिहार को इस आशय की सूचना दी गई। शहीद जवान के पार्थिक शरीर को गांव के ही सरकार (गाछी) कलम बाग में पुलिस ऑनर एवं सैन्य गार्ड ऑफ ऑनर सहित सभी सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।झा ने मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोगों के आंखों में आंसू आ गए। वहीं, शहीद के पार्थिव शरीर को पंचतत्व में विलीन करने से पहले सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल ने सैन्य धुन बजाकर उन्हें सेना के जवानों ने बंदूकों से फायर कर आखिरी सलामी दी। इससे पहले परिवहन मंत्री सह फुलपरास विधायक शीला मंडल, सांसद रामप्रीत मंडल, डीएम अरविंद कुमार, सीआरपीएफ डीआईजी चंद्र भूषण, सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर डीआईजी राकेश कुमार, मधुबनी एसपी सुशील कुमार, एसडीओ कुमार गौरव, एसडीपीओ पवन कुमार, बीडीओ विशाल आनंद, सीओ नीतीश कुमार, थानाध्यक्ष मधेपुर प्रकाश चंद्र राजू सहित अन्य शाहिद जवान के परिवार के सदस्यों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प हार चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शाहिद सीआरपीएफ जवान के पार्थिक शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अहले सुबह तीन बजे उनके पैतृक गांव बांकि स्थित उनके निवास पर लाया गया। सीआरपीएफ जवान का पार्थिक शरीर गांव पहुंचते ही शाहिद जवान अजय कुमार झा अमर रहे, अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, अजय झा का नाम रहेगा, भारत माता जी जय के नारे लगने लगे। शहीद जवान अजय झा अपने पीछे एक एक भरे पूरे परिवार को छोर कर दुनियां को अलविदा कह गए। कहते हैं एक सैनिक जब देश की रक्षा करते हुए शाहिद होते हैं तो पूरा देश गम में डूब जाता है, यह बात मंगलवार को बांकि गांव में सिद्ध हुआ। शाहिद जवान का पार्थिक शरीर गांव की गलियों सड़कों पर जिधर से गुजर रही थी लोगों के आंखों को नम करते हुए जाती थी।शहीद सीआरपीएफ जवान सीटी/डीवीआर अजय कुमार झा 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे।
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