दिल्ली की वित्तमंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट को लेकर कहा कि एक बार फिर दिल्ली वालों को धोखा मिला है. सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस कर फौरी प्रतिक्रिया देते हुए आतिशी ने कहा कि दिल्ली को सेंट्रल शेयरिंग टैक्स में एक रुपया भी नहीं मिला है. एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार सिर्फ अपनी सरकार व अपनी सत्ता को बचाने के लिए बजट पेश करती है. देश के लोगों के लिए बजट पेश नहीं करती है.
उन्होंने कहा आज देश में सबसे बड़ी समस्या है बेरोजगारी, इस बजट में युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. उनको एक खोखला वादा किया गया- इंटर्नशिप देंगे. पांच हज़ार की तनख्वाह देंगे, क्या निर्मला सीतारमण जी का यह इंटर्नशिप मॉडल भारतीय जनता पार्टी की देश की सेवा में लाए गए अग्निवीर मॉडल की तरह है. जहां पर पैसे भी नहीं मिलते हैं और आगे कोई बेनिफिट्स भी नहीं.
दिल्ली सरकार ने केंद्रीय करों में से अपने लिए और दिल्ली नगर निगम के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये की मांग की थी. आतिशी ने कहा कि इस बजट में हमें एक रुपया भी नहीं मिला है. ऐसा नहीं है कि दिल्ली के लोग केंद्र सरकार के राजस्व में योगदान नहीं देते हैं, बल्कि इसका उल्टा है. दिल्ली देश के इकोनामिक ग्रोथ का एक इंपॉर्टेंट इंजन है. दिल्ली हर साल 2 लाख करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स के रूप में सेंट्रल गवर्नमेंट को देता है.
गत वर्ष दो लाख सात हजार करोड़ रुपये दिल्ली के लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से इनकम टैक्स केंद्र सरकार को दिया है. उसके अलावा सीजीएसटी में 25 हज़ार करोड़ रुपये दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को दिए हैं. यानी कुल मिलाकर 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपये के टैक्स दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को दिए हैं. उन्होंने कहा दिल्ली के लोग क्या मांग रहे हैं. दिल्ली के लोग सिर्फ दिए गए टैक्स में से 5 फीसद हिस्सा 10 हजार करोड़ रुपये ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए मांग रहे थे. दिल्ली के लोग एमसीडी के लिए अतिरिक्त पांच प्रतिशत हिस्सा मांग रहे थे. कुल मिलाकर दिल्ली के लोग मात्र 20 हज़ार करोड़ रुपये मांग रहे थे. जो हमारे टैक्स का सिर्फ 10 फीसदी है. बावजूद इसके केंद्र सरकार ने एक रुपया भी टैक्स शेयर का नहीं दिया है.
उन्होंने कहा अब दिल्ली के लोगों के सामने दो मॉडल है. एक तरफ अरविंद केजरीवाल सरकार है. दिल्ली के लोग सालाना 40 हजार करोड़ टैक्स केजरीवाल सरकार को देते हैं. केजरीवाल सरकार स्कूल देती है, मोहल्ला क्लीनिक देती है, बढ़िया इलाज देती है, 24 घंटे बिजली देती है. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के लोग भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार को 2,32,000 करोड़ रुपए देते हैं और केंद्र सरकार उसमें से उनको जीरो देती है.
उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि 2014 से 2024 में पेश बजट में से बताए कि दिल्ली के लिए उन्होंने क्या किया. भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार के पास सब कुछ है. उनके पास दिल्ली सरकार से ज्यादा पैसा है. उनके पास 48 लाख करोड़ का बजट है. जब दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से पावर मिलती है तो केंद्र सरकार पावर छीन लेती है. लेकिन पावर होने के बावजूद, पैसा होने के बावजूद, एलजी होने के बावजूद, अफसर होने के बावजूद 11 साल में केंद्र सरकार ने दिल्ली के लोगों का एक काम भी नहीं किया है.