थोक में आलू 20 रुपए टूटा: प्याज़—हरी सब्जियां घटीं

नईaalu दिल्ली। खाद्य पदार्थों में अंडे, माँस एवं दालों की तेजी को देखते हुए खुदरा महंगाई 5 से बढते हुए नवम्बर माह में 5.41 प्रतिशत पर पहुंच गयी। वहीं थोक महंगाई भी -3.81 से सुधरकर -1.99 पर आई। हालांकि नेगेटिव में ही थी। फिर भी उक्त खाद्य वस्तुओं की महंगाई से थोक महंगाई पर भी असर पडा। इस महंगाई के बढने में अक्टूबर में सब्जियां महंगी होना भी समझा गया है। जबकि वर्तमान में आलू, प्याज एवं अन्य हरी सब्जियों में मूली, गाजर, मटर, गोभी-बंदगोभी, पालक, सरसों आदि की आपूर्ति थोक व खुदरा मंडियों में बढ गयी है, जिससे आलू आजादपुर मंडी में थोक में 20 रुपए प्रति 50 किलो तथा खुदरा में एक/दो रुपए प्रति किलो वर्तमान में अन्य खुदरा मंडियों में घट गया। खुदरा मुद्रास्फीति में धीरे-धीरे गर्मी बढ रही है। नवम्बर माह के दौरान 5 से बढकर 5.41 प्रतिशत पर अनुमानित दर्ज की गयी। थोक में महंगाई बढी है, लेकिन अभी नेगेटिव दौर में है। अगर महंगाई इसी तरह बढती है तो भारतीय रिजर्व बैंक पर आने वाले महीनों में अपनी नीतिगत ब्याज दरों में बढोत्तरी का दबाव बन सकता है। महंगाई बढाने में दालों, अंडे, मांस आदि का प्रभाव रहा। फिलहाल तो अब दालों की बढती कीमत के कारण पूछपरख काफी घट गयी है। इसके उलट सब्जियों की आवक में बढोत्तरी होने से अधिकतर हरी सब्जियों में गिरावट देखी गयी है। आजादपुर मंडी में थोक में आलू 20 रुपए घटकर यूपी 150/280 रुपए प्रति 50 किलो रहा। प्याज नासिक 50 रुपए टूटकर 600/650 रुपए प्रति 40 किलो रह गया। खुदरा में आलू दो/ढाई रुपए घटकर 20 रुपए प्रति डेढ/दो किलो तक बिकते देखा जा रहा है। हरी सब्जियों में खुदरा में सरसों-पालक 15/20 रुपए, धनिया पत्ता 20/25 रुपए, मूली 15/20 रुपए प्रति किलो क्वालिटीनुसार बिक रहे थे। फूल गोभी 15/20 रुपए एवं बंद गोभी 10/15 रुपए प्रति किलो तक बिकते सुनी गयी। (14)

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