अब दिल्ली में दौडेंगे दुपहिया सीएनजी वाहन

c35d5399-4c8b-4a57-aef9-80a2e221a386CNG-TwoWheelers दिल्ली में अब सीएनजी चलित दुपहिया वाहन भी सडकों पर दौड़ते दिखाई देगें। सरकार ने देश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए दुपहिया वाहनों के लिए पायलट परियोजना के तहत सीएनजी किट जारी की है। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और वन एंव पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज एक कार्यक्रम में सीएनजी किट लगे 10 दुपहिया वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। फिलहाल ये वाहन पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं जिन्हें बाद में पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से उतारा जाएगा। इस पायलट परियोजना को देश में सीएनजी की आपूर्ति करने वाली कंपनी इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और गेल इंडिया के जरिए लागू किया गया है। चार स्ट्रोक इंजन वाले इन दुपहिया वाहनों में लगी सीएनजी किट आईटुक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से तैयार किए गए हैं। किट को ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) और दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से मंजूरी मिली है। सीएनजी किट में लगे सभी उपकरणों के लिएपेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव आर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमेटिव टेक्नॉलजी और ऑटोमेटिव रिसर्च ऐसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से सभी नियामक मंजूरी हासिल की जा चुकी है। वाहनों में इस किट को लगाने का काम दिल्ली परिवहन विभाग से मान्यता प्राप्त एक केन्द्र की ओर से किया गया है। इन वाहनों के उत्सर्जन में हानिकार गैसों की मात्रा में 75 फीसदी की कमी पाई गई है। किट में 4.8 लीटर क्षमता वाले दो सीएनजी सिलेंडर लगे हुए हैं जिनमें से प्रत्येक में एक किलो सीएनजी भरी जा सकती है। एक बार भरे ईंधन में यह दुपहिया स्कूटर 120 किलोमीटर तक चल सकते हैं। पायलट परियोजना के तहत इन वाहनों की ईंधन खपत क्षमता और उत्सर्जन मानकों पर लगातार समीक्षा की जाएगी और उसके आधार पर ही देश के अन्य हिस्सों में इन्हें शुुरू करने का फैसला लिया जाएगा। जावडेकर ने इस मौके पर कहा कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए यूरो चार श्रेणी के वाहन ईंधनों को यूरो छह श्रेणी के वाहन ईंधनों में तब्दील करने का काम 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रदूषण घटाने की दिशा में दुपहिया वाहनों में सीएनजी किट के इस्तेमाल के दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि कोयले के खनन पर उपकर लगाने, ई-रिक्शा की शुरुआत और हाईब्रिड कारों के लिए सब्सिडी देने की व्यवस्था इस बात का प्रमाण है कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के प्रति कितनी गंभीरता से काम कर रही है। प्रधान ने सीएनजी पर दुपहिया वाहन चलाने की योजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है ताकि लोगों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके और पेरिस जलवायु सम्मेलन में तय लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।

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