नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने काले धन के खिलाफ जंग को सीधे गरीबों के विकास से जोड़ दिया है। इसी मकसद से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीसीवाई) शुरू करने का एलान किया गया है। सरकार ने वित्त कानून 2016 में संशोधन के जरिये अध्याय 9ए जोड़कर यह स्कीम शुरू करने का प्रस्ताव किया है। राजस्व सचिव हसमुख अढिया का कहना है कि यह योजना 30 दिसंबर तक चलेगी। इस योजना के तहत अघोषित आय की जानकारी देने वाले व्यक्ति पर 30 प्रतिशत इनकम टैक्स, 10 फीसद पेनाल्टी और कर राशि का 33 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा।
इस तरह काले धन में से 50 फीसद राशि सरकार के पास आ जाएगी। आधी राशि में से 25 फीसद ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण डिपॉजिट स्कीम 2016’ में चार साल के लिए जमा करनी होगी। इसके बाद बाकी बची एक चौथाई राशि वह व्यक्ति निकाल सकेगा। रिजर्व बैंक जल्द ही इस योजना के दिशानिर्देश बनाकर बैंकों के पास भेजेगा। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि यह योजना कब शुरू होगी। इसके तहत चार साल के लिए जमा होने वाली राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। इस लॉक-इन अवधि में वह व्यक्ति इस राशि को निकाल नहीं पाएगा।
अढिया ने कहा कि पीएमजीसीवाई के तहत आने वाली राशि को सिंचाई, आवास, शौचालय, ढांचागत सुिवधाएं, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य और आजीविका जैसे कामों पर खर्च किया जाएगा, ताकि न्याय और समानता सुनिश्चित की जा सके।
माना जा रहा है कि काले धन पर सरकार की यह नई स्कीम भी 30 सितंबर को खत्म आय घोषणा योजना (आइडीएस) 2016 की तरह ही है। हालांकि आइडीएस के तहत अघोषित आय पर पेनाल्टी और टैक्स 45 प्रतिशत ही था। सरकार ने यह भी कहा था कि इसके वह काले धन पर कोई माफी योजना नहीं लाएगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत काले धन का खुलासा करने वाले लोगों के नाम गोपनीय रखे जाएंगे। साथ ही आठ नवंबर के बाद बैंकों में जमा हुई अघोषित राशि पर टैक्स और पेनाल्टी चुकाने वालों से आय का स्रोत भी नहीं पूछा जाएगा। ऐसे लोगों को संपत्ति कर, असैन्य और अन्य कर कानूनों के तहत कार्रवाई से छूट भी प्राप्त होगी। हालांकि ऐसे लोगों को फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून), पीएमएलए (मनी लांड्रिंग रोधी कानून), भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और काले धन के कानून के तहत कोई छूट नहीं मिलेगी। आइडीएस के तहत काला धन घोषित करने वालों को भी ऐसी ही छूट प्राप्त थी।