नई दिल्ली। दिल्ली में डीटीसी की बसों में कंडक्टर और सवारियों के बीच आधे किराए को लेकर काफी बहस शुरू हो रही है। सवारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने जनवरी में डीटीसी नॉन एसी और कलस्टर बसों का अधिकतम किराया 5 रुपए और डीटीसी एसी बसों का अधिकतम किराया 10 रुपए रखा है।
आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने इस आशय के बैनर और पोस्टर दिल्ली भर में लगा रखे हैं। दिल्ली सचिवालय और ‘आप’ के मुख्यालय के बाहर भी यह पोस्टर लगा हुआ है। इसमें यह भी बताया जा रहा है कि 21 साल तक के छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, विधवा महिलाओं व दिव्यांगों को फ्री पास मुहैया कराया जाएगा। सवारियों की बहस के बाद कंडक्टर सिर्फ इतना कहते हैं कि वे पूरा किराया वसूलेंगे। सरकार की ओर से लिखित आदेश नहीं आया है।
दरअसल, 16 दिसम्बर को तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए डीटीसी की बसों के किराए कम करने के निर्देश दिल्ली सरकार को दिए थे। कोशिश थी कि बसों के किराए में कमी लाकर सड़कों से कारों और बाइकों की संख्या कम हो, जिससे प्रदूषण पर अंकुश लग सके। परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने आश्वस्त किया कि 1 जनवरी से ये निर्देश अमल में आ जाएंगे।
यह भी कहा गया था कि यदि इससे सकारात्मक परिणाम सामने आए, तो जनवरी के बाद भी किराए आधे ही रहेंगे। यह फैसला नोएडा, गुडग़ांव, फरीदाबाद व गाजियाबाद आदि जाने वाली डीटीसी बसों पर भी लागू होना सुनिश्चित किया गया था। बता दें कि पेरिस में प्रदूषण कम करने के लिहाज से वहां हाल ही में सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से मुफ्त कर दिया गया है। इस संबंध में जब सरकार का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, तो वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।