नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) चुनाव से आम आदमी पार्टी (आप) के दूरी बनाने से विरोधी पार्टियों को हमला करने का नया मुद्दा मिल गया है। उनका कहना है कि पंथक सेवा दल आप समर्थित जत्थेबंदी है। आप के विधायक को इसका संयोजक बनाया गया है। अब चुनाव में हार सुनिश्चित देख आप नेता इससे दूरी बनाने का नाटक कर रहे हैं। इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि पंथक सेवा दल से उनकी पार्टी का क्या संबंध है।
आप ने डीएसजीपीसी चुनाव में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी संगठन का समर्थन नहीं करने का एलान किया है। वहीं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बादल और भाजपा ने इसे सियासी नाटक करार दिया है। शिअद (बादल) के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके का कहना है कि अपनी बातों से मुकर जाना आप की पुरानी आदत है। सभी को मालूम है कि पंथक सेवा दल को आप का समर्थन हासिल है। आप कार्यकर्ता इसके सदस्य हैं और चुनाव भी लड़ रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह का कहना है कि कालकाजी से आप विधायक अवतार सिंह कालका पंथक सेवा दल के संयोजक हैं। डीएसजीपीसी चुनाव में दल के उम्मीदवारों को आप नेता हर तरह से सहयोग कर रहे हैं, लेकिन वे संगत को गुमराह करने के लिए यह कह रहे हैं कि इस चुनाव से उनका कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल पंथक सेवा दल की हार सुनिश्चित देखकर आप ने यह चाल चली है। उसे डर है कि गुरुद्वारा चुनाव में हार से अप्रैल में होने वाले नगर निगम चुनाव में नुकसान होगा। इसलिए वह किसी भी संगठन को समर्थन नहीं करने का दावा कर रही है, लेकिन संगत को सच्चाई मालूम है।
वहीं, मॉडल टाउन (वार्ड नंबर पांच) से पंथक सेवा दल के उम्मीदवार रविंद्र सिंह कोलही ने पार्टी छोड़कर शिअद बादल का दामन लिया है। उन्होंने कहा कि पंथ को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है। इसलिए उन्होंने यह फैसला किया है।