शतकों के गिनती के बारे में नहीं सोचते हैं विराट कोहली

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 50 शतक पूरा करने वाले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने आज यहां कहा कि जैसे आंकड़े दिखाते है सफर उतना लंबा नहीं रहा। कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट के आखिरी दिन शतक लगाकर भारत की दूसरी पारी को संवारा। टेस्ट क्रिकेट में यह उनका 18वां और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 50वां शतक है।

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कोहली ने कहा कि उनके लिये रिेकार्ड सिर्फ नंबर भर है। श्रीलंका के खिलाफ मैच ड्रा होने के बाद उन्होंने कहा कि ‘इससे (50 शतक) अच्छा लगता है। लेकिन मेरा सफर इतना लंबा नहीं रहा है। शतकों की संख्या के बारे में सोचने की जगह अगर मैं अपने प्रदर्शन में सुधार कर सका तो इससे मुझे ज्यादा खुशी मिलेगी। जब तक मैं क्रिकेट खेलूंगा मेरी यही सोच रहेगी’।

कोहली के नाबाद 104 रन के दम पर भारत ने दूसरी पारी आठ विकेट पर 352 बना कर घोषित कर दी जिससे श्रीलंका के सामने जीत के लिये एक सत्र में  231 रन बनाने का असंभव सा का लक्ष्य था। लक्ष्य श्रीलंका के बल्लेबाजों की पहुंच से दूर था लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने पूरे दमखम से गेंदबाजी कर खराब रोशनी के कारण मैच खत्म होने तक 75 रन पर उनके सात विकेट गिरा दिये थे। कोहली से पूछा गया कि आखिरी सत्र में टीम के दिमाग में क्या चल रहा था तो उन्होंने कहा कि बारिश के कारण मैच का काफी समय  खराब होने के बाद भी टीम के खिलाडिय़ों ने जो जज्बा दिखाया उससे वह काफी खुश है।

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास जो भी था उसमें इस मैच से कुछ हासिल करना जरूरी था। पांच दिनों में परिस्थितियों में काफी बदलाव आया। मैच के पहले या दूसरे दिन तक पिछड़े रहने के बाद हमें जज्बा दिखाना था। टीम ने काफी जज्बा दिखाया, हम बल्लेबाजी में बिखरने के बारे में नहीं सोच रहे थे। हमें अपने मजबूत पक्ष पर भरोसा था। अगर आप मानसिक रूप से मजबूत नहीं है तो ऐसी विकेट पर खेलना मुश्किल हो जाता है। हम ने जिस तरह मैच खत्म किया उस पर मुझे फख्र है’।

मैच में 96 रन पर आठ विकेट लेने वाले भुवनेश्वर कुमार को मैन ऑफ मैच चुना गया और कोहली ने भी उनकी खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस सिंविंग गेंदबाज ने टीम में खुद ही अपनी जगह बना ली है। उन्होंने कहा, ‘भुवनेश्वर की गेंदबाजी की गति बढ़ी है। वह पहले से तेज गेंद फेंक रहे हैं। उन्हें जब भी टीम में मौका मिलता है वह इसका फायदा उठाते हैं। वह टेस्ट मैचों में नयी गेंद से गेंदबाजी करने के बड़े दावेदार बन गये हैं। वह हमारी भविष्य की योजनाओं का अहम हिस्सा हैं खास कर विदेशों में होने वाले मैचों के लिये’।

इस मौके पर भुवनेश्वर ने भी माना कि समय और अनुभव के साथ वह तेज गेंदबाज के तौर पर निखरे हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने खेलना शुरू किया था तो मैं पूरी तरह से सिंविंग पर निर्भर था लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा करने के लिये आपको सुधार करना होता है। मैंने अपनी फिटनेस पर काफी मेहनत की और उसके नतीजे मिल रहे हैं।

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