लालू ने ट्वीट किया कि जिस व्यक्ति ने अटलबिहारी वाजपेयी जैसी ऊंची हस्ती के सामने ‘लोक लज्जा’ और ‘लोकहित’ का ध्यान नहीं रखा, वह शर्म पर व्याख्यान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने जहानाबाद और भाभुआ की रैली में वरिष्ठ मंत्री अवधेश कुशवाहा के स्टिंग वीडियो का जिक्र किया था और कहा कि महागठबंधन के नेताओं को सार्वजनिक जीवन में कोई शर्म नहीं है।
लालू ने एक और ट्वीट कर कहा कि मोदी बिहार में भाजपा का चेहरा हैं और अपने पूरे मंत्रिमंडल तथा मशीनरी के साथ पिछले तीन महीने से प्रचार कर रहे हैं। क्या वह हार के बाद प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे? उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा वाले बयान के संदर्भ में कहा कि क्या भाजपा और संघ गुरु गोलवलकर की पुस्तकों को जलाएंगे जिनमें आरक्षण का विरोध किया गया है?
लालू ने कहा कि आरक्षण की समीक्षा की जरूरत वाले भागवत के बयान को देखते हुए आरक्षण की वकालत करने वाले भाजपा नेताओं के बयानों पर उन्हें भरोसा नहीं है। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें और अपने ‘पूंजीवादी मित्रों’ द्वारा संचालित निजी क्षेत्र में इसे लागू करके दिखाएं।