
इस अवसर पर अकादमी की त्र्ौमासिक पत्रिका “हिंदुस्तानी भाषा भारती’’ के अंक और अकादमी प्रकाशन “शब्द गाथा’’ का विमोचन भी हुआ। समारोह में डॉ प्रेम जनमेजय, डॉ लालित्य ललित, डॉ सुधीर शर्मा, डॉ हरिसुमन विष्ट, छत्तीसगढ़ से मंत्री डॉ गणेश कौशिक, प्रत्यूष गुलेरी, कुसुम शर्मा, डॉ प्रमोद शर्मा, डॉ गिरीश पंकज, संदीप शर्मा, डॉ मृणालिका ओझा सहित देश के कई वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे।
समारोह में विशिष्ठ अतिथि के रूप में अपने संबोधन में श्री सुधाकर पाठक ने अकादमी के गठन के उद्देश्यों और कार्यों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं को साथ लिए बिना हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाना बहुत कठिन होगा। इसके लिए उन्होंने अलग—अलग राज्यों से आये साहित्यकारों से अकादमी की हिंदी के “राष्ट्रीय स्वीकार्यता अभियान“ से जुड़ने का अनुरोध किया।
श्री पाठक ने युवाओं को साहित्य और भाषाओं के प्रचार —प्रसार से जोड़ने का भी अनुरोध किया। उन्होंने अकादमी के पिछली योजनाओं जैसे समीक्षा सम्मान, काव्य प्रतिभा खोज, सार्थक साहित्य का प्रकाशन की चर्चा सहित अगामी कार्यक्रमों में भाषा के क्षेत्र में कुछ ठोस और गंभीर प्रयासों किए जाने की बात भी की।
समारोह में उपस्थित सभी साहित्यकारों ने अकादमी के गंभीर प्रयासों की प्रसंशा की और यथा संभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया।