छोटू जायसवाल की हत्या : बिहार में जंगलराज कायम

मोतिहारी। शहर के ज्ञानबाबू चौक पर शनिवार की सुबह हुई कांग्रेसी नेता मुनमुन जायसवाल के पुत्र संजीव कुमार उर्फ छोटू जायसवाल की हत्या के बाद लोगों में गहरा आक्रोश है। दिन-दहाड़े हुई इस घटना ने यह साबित किया है कि शहर में अपराधियों की सक्रियता घटी नहीं है, बल्कि कुंद पड़ी थी। एक बार फिर अपराधी बेखौफ हुए हैं और बीच शहर में शहर के चर्चित व्यक्ति की सरेआम गोली मार हत्या कर लोगों में खौफ कायम करने की कोशिश की है। घटना ने एक बार फिर पुलिस को चुनौती दी है। पुलिस की टीम पूरे शहर व जिले से सटे इलाकों में अपराधियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ताकि लोगों के मन में कायम खौफ को कम किया जा सके और अपराधियों को उनके किए की सजा दिलाई जा सके। पुलिस दावा कर रही है दो अपराधियों की पहचान कर लेने का। लेकिन, शहर के लोगों का कहना है कि पुलिस घटना होने के बाद सक्रिय होती है। न तो घटना के पहले पुलिस की सक्रियता नजर आती है, नहीं बाद में। हां यह जरूर होता है कि जब कोई मारा जाता है तो पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी करती है और कुछ बदमाशों को गिरफ्तार करती है। इन सबके बीच वे लोग पुलिस गिरफ्त में नहीं आ पाते जो अपराध को संरक्षण देते हैं। अपराधियों के गिरोह के सरगना भी पुलिस गिरफ्त से बाहर होते हैं। नतीजतन बदमाश मौके की तलाश में रहते हैं और जैसे ही अवसर मिलता है, घटना को अंजाम देकर निकल जाते हैं।

शनिवार की घटना अपराधियों की सशक्त मौजूदगी का अहसास :

शनिवार की सुबह हुई घटना शहर व इसके आसपास के इलाके में अपराधियों की सशक्त मौजूदगी का एहसास कराती है। ज्ञान बाबू चौक पर जिस तरह से बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया उससे एक बात साफ हो गई कि बदमाशों का नेटवर्क शहर में बेहद मजबूत है। नहीं तो तीन की संख्या में आए बदमाश सैकड़ों लोगों की भीड़ वाले इस चौक पर इतनी आसानी से गोली मार नहीं निकल पाते। सूत्र बताते हैं कि बदमाशों ने पहले छोटू की रेकी की फिर उसकी हत्या। जिस रास्ते को भागने के लिए चुना वह भी शहर का रिहायसी इलाका है। इस इलाके में भी लोगों ने बदमाशों के हाथों में नंगी रिवाल्वर व अन्य आग्नेयास्त्र से अंधाधुंध फाय¨रग करते देखा। लेकिन, बदमाशों का खौफ ऐसा रहा कि कोई कुछ नहीं कर पाया। रही बात सुरक्षा की तो घटना के कुछ देर बाद पुलिस जबतक पहुंची बदमाश अपना ठिकाना पकड़ चुके थे।

हत्या के बाद घंटे भर तक रणभूमि में तब्दील रहा शहर :

कांग्रेसी नेता मुनमुन जायसवाल के पुत्र संजीव कुमार उर्फ छोटू जासवाल के हत्या की सूचना जैसे ही फैली लोग आंदोलित हो गए। शहर के छतौनी स्थित एक निजी अस्पताल से शव को सदर अस्पताल लाने के क्रम में लोगों ने जमकर हंगामा किया। शहर के रहमानिया नर्सिंग होम से शव को पुलिस अभिरक्षा में सदर अस्पताल शव वाहन से लाया गया। इस दौरान मौके पर उपस्थित भीड़ ने शव वाहन को रोक दिया और सीधे गांधी चौक लेकर चले गए। वहां जाकर आगजनी की और बाजार को बंद करा दिया। फिर पुलिस ने वहां स्थिति को काबू में लिया और शव को सदर अस्पताल लाया गया। यहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू होने से पहले लोगों ने अस्पताल के बाहर सड़क को जाम कर दिया। भीड में शामिल उपद्रवी तत्वों ने सड़क से होकर गुजर रहे वाहनों पर हमला बोल दिया। हमले के दौरान कई राहगीर जख्मी हो गए। वहीं करीब दर्जन भर वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। उपद्रवियों ने कई दुकानों में भी तोड़ फोड़ किया। पुलिस ने जैसे-तैसे स्थिति को नियंत्रित किया और पोस्टमार्टम के बाद शव को कांग्रेस नेता के घर ले जाया गया। इस दौरान मीना बाजार से लेकर अस्पताल चौक तक का इलाका रणभूमि में तब्दील रहा।

परिजनों में मचा कोहराम, कांग्रेस नेता व उनकी पत्नी की हालत ¨चताजनक : छोटू की हत्या के बाद उसके परिवार में कोहराम मचा है। सबसे छोटे पुत्र की हत्या के बाद कांग्रेस नेता मुनमुन जायसवाल गहरे सदमे में हैं। उनका व उनकी पत्नी मनोरमा जायसवाल का पुत्र का शव देखने के साथ बुरा हाल है। लगातार रोने के कारण दोनों की हालत बेहद खराब है। भाई संजीव राजीव कुमार जायसवाल उर्फ चंचल अपने छोटे भाई की मौत के बाद लगातार यहीं कह रहे हैं- यह क्या हो गया। भौजाई वार्ड पार्षद रानी जायसवाल की भी हालत देवर की मौत के बाद से खराब है। वह लगातार परिवार के सबसे छोटे पुत्र के शव को देख रो रहीं थी।

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