नई तकनीक व परंपरा से रामलीला में आएगा निखार
- जनमत की पुकार
नई दिल्ली। जन—जन के हृदय में राम जितनी सहजता से समाए हैं, उनकी लीला का स्वरुप उतना ही विविध है। पीढियों से चली आ रही राम लीलाएं आज भी परंपरा का रंग समेटे हुए हैं, नई तकनीक का तड़का कथाक्रम को बेहद प्रासंगिक बना देता है। राजधानी दिल्ली की संस्कृति जिन पारंपरिक मूल्यों में आज इतनी धनी है। उनमें द्वारका की संपूर्ण बाल राम लीला का आयोजन सबसे अव्वल है। आने वाले दिनों में यहां कि हर गली राममय होगी और हर हृदय राम स्वरुप। लीला समिती के पदाधिकारी भी इसके लिए जी जान से जुट चुके हैं।
मंचन का शुभारंभ 20 सितम्बर को गणेश वंदना कंपटिशन से होगी व 21 सितम्बर को गुजरात का प्रसिद्ध डांडिया से होगी। बाल उत्सव रामलीला समिति की प्रीतिमा खंडेलवाल ने बताया कि समिति में लीला मंचन के लिए विभिन्न स्कूलों के बच्चें हर साल आते हैं। 150 फीट का तीन स्तरीय मंच बेहद खास होगा, जिसे आकाश, धरती और पाताल में बांटा गया है।